महाभारतम् — 3.2.62
Original
Segmented
ह्रियते बुध्यमानो ऽपि नरो हारिभिः इन्द्रियैः विमूढ-सञ्ज्ञः दुष्ट-अश्वेभिः उद्भ्रान्तैः इव सारथिः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ह्रियते | हृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
बुध्यमानो | बुध् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽपि | अपि | pos=i |
नरो | नर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हारिभिः | हारिन् | pos=a,g=n,c=3,n=p |
इन्द्रियैः | इन्द्रिय | pos=n,g=n,c=3,n=p |
विमूढ | विमुह् | pos=va,comp=y,f=part |
सञ्ज्ञः | संज्ञा | pos=n,g=m,c=1,n=s |
दुष्ट | दुष् | pos=va,comp=y,f=part |
अश्वेभिः | अश्व | pos=n,g=m,c=3,n=p |
उद्भ्रान्तैः | उद्भ्रम् | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
इव | इव | pos=i |
सारथिः | सारथि | pos=n,g=m,c=1,n=s |