महाभारतम् — 3.2.40
Original
Segmented
अर्थ एव हि केषांचिद् अनर्थो भविता नृणाम् अर्थ-श्रेयसि च आसक्तः न श्रेयो विन्दते नरः तस्माद् अर्थ-आगमाः सर्वे मनः-मोह-विवर्धनाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अर्थ | अर्थ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
एव | एव | pos=i |
हि | हि | pos=i |
केषांचिद् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
अनर्थो | अनर्थ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
भविता | भवितृ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
नृणाम् | नृ | pos=n,g=,c=6,n=p |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
श्रेयसि | श्रेयस् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
च | च | pos=i |
आसक्तः | आसञ्ज् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
न | न | pos=i |
श्रेयो | श्रेयस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
विन्दते | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
नरः | नर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तस्माद् | तद् | pos=n,g=n,c=5,n=s |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
आगमाः | आगम | pos=n,g=m,c=1,n=p |
सर्वे | सर्व | pos=n,g=m,c=1,n=p |
मनः | मनस् | pos=n,comp=y |
मोह | मोह | pos=n,comp=y |
विवर्धनाः | विवर्धन | pos=a,g=m,c=1,n=p |