महाभारतम् — 3.2.28
Original
Segmented
स्नेहात् करण-रागः च प्रजज्ञे वैषयस् तथा अश्रेयस्काव् उभाव् एतौ पूर्वस् तत्र गुरुः स्मृतः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स्नेहात् | स्नेह | pos=n,g=m,c=5,n=s |
करण | करण | pos=n,comp=y |
रागः | राग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
प्रजज्ञे | प्रजन् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
वैषयस् | वैषय | pos=a,g=m,c=1,n=s |
तथा | तथा | pos=i |
अश्रेयस्काव् | अश्रेयस्क | pos=a,g=m,c=1,n=d |
उभाव् | उभ् | pos=n,g=m,c=1,n=d |
एतौ | एतद् | pos=n,g=m,c=1,n=d |
पूर्वस् | पूर्व | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तत्र | तत्र | pos=i |
गुरुः | गुरु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
स्मृतः | स्मृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |