महाभारतम् — 3.2.25
Original
Segmented
मानसम् शमयेत् तस्माज् ज्ञानेन अग्निम् इव अम्बुना प्रशान्ते मानसे दुःखे शारीरम् उपशाम्यति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मानसम् | मानस | pos=a,g=m,c=2,n=s |
शमयेत् | शमय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
तस्माज् | तद् | pos=n,g=n,c=5,n=s |
ज्ञानेन | ज्ञान | pos=n,g=n,c=3,n=s |
अग्निम् | अग्नि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
इव | इव | pos=i |
अम्बुना | अम्बु | pos=n,g=n,c=3,n=s |
प्रशान्ते | प्रशम् | pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part |
मानसे | मानस | pos=a,g=n,c=7,n=s |
दुःखे | दुःख | pos=n,g=n,c=7,n=s |
शारीरम् | शारीर | pos=a,g=n,c=1,n=s |
उपशाम्यति | उपशम् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |