महाभारतम् — 3.198.14
Original
Segmented
मार्कण्डेय उवाच श्रुत्वा तु तस्य तद् वाक्यम् स विप्रो भृश-हर्षितः द्वितीयम् इदम् आश्चर्यम् इति अचिन्तयत द्विजः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मार्कण्डेय | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
तु | तु | pos=i |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
विप्रो | विप्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भृश | भृश | pos=a,comp=y |
हर्षितः | हर्षय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
द्वितीयम् | द्वितीय | pos=a,g=n,c=1,n=s |
इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
आश्चर्यम् | आश्चर्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
अचिन्तयत | चिन्तय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
द्विजः | द्विज | pos=n,g=m,c=1,n=s |