Original

शुश्रूषायाः फलं पश्य पत्युर्ब्राह्मण यादृशम् ।बलाका हि त्वया दग्धा रोषात्तद्विदितं मम ॥ ३० ॥

Segmented

शुश्रूषायाः फलम् पश्य पत्युः ब्राह्मण यादृशम् बलाका हि त्वया दग्धा रोषात् तद् विदितम् मम

Analysis

Word Lemma Parse
शुश्रूषायाः शुश्रूषा pos=n,g=f,c=6,n=s
फलम् फल pos=n,g=n,c=2,n=s
पश्य पश् pos=v,p=2,n=s,l=lot
पत्युः पति pos=n,g=,c=6,n=s
ब्राह्मण ब्राह्मण pos=n,g=m,c=8,n=s
यादृशम् यादृश pos=a,g=n,c=2,n=s
बलाका बलाका pos=n,g=f,c=1,n=s
हि हि pos=i
त्वया त्वद् pos=n,g=,c=3,n=s
दग्धा दह् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
रोषात् रोष pos=n,g=m,c=5,n=s
तद् तद् pos=n,g=n,c=1,n=s
विदितम् विद् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
मम मद् pos=n,g=,c=6,n=s