Original

एवं स्तुतो हृषीकेश उत्तङ्केन महात्मना ।उत्तङ्कमब्रवीद्विष्णुः प्रीतस्तेऽहं वरं वृणु ॥ २० ॥

Segmented

एवम् स्तुतो हृषीकेश उत्तङ्केन महात्मना उत्तङ्कम् अब्रवीद् विष्णुः प्रीतस् ते ऽहम् वरम् वृणु

Analysis

Word Lemma Parse
एवम् एवम् pos=i
स्तुतो स्तु pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
हृषीकेश हृषीकेश pos=n,g=m,c=1,n=s
उत्तङ्केन उत्तङ्क pos=n,g=m,c=3,n=s
महात्मना महात्मन् pos=a,g=m,c=3,n=s
उत्तङ्कम् उत्तङ्क pos=n,g=m,c=2,n=s
अब्रवीद् ब्रू pos=v,p=3,n=s,l=lan
विष्णुः विष्णु pos=n,g=m,c=1,n=s
प्रीतस् प्री pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
ऽहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
वरम् वर pos=n,g=m,c=2,n=s
वृणु वृ pos=v,p=2,n=s,l=lot