महाभारतम् — 3.191.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच मार्कण्डेयम् ऋषयः पाण्डवाः च पर्यपृच्छन् अस्ति कश्चिद् भवतः चिरजाततरः इति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
मार्कण्डेयम् | मार्कण्डेय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
ऋषयः | ऋषि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
पाण्डवाः | पाण्डव | pos=n,g=m,c=1,n=p |
च | च | pos=i |
पर्यपृच्छन् | परिप्रच्छ् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
अस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
कश्चिद् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भवतः | भवत् | pos=a,g=m,c=5,n=s |
चिरजाततरः | चिरजाततर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |