महाभारतम् — 3.190.34
Original
Segmented
मा मण्डूकाञ् जिघांस त्वम् कोपम् संधारय अच्युतैः श्लोकौ च अत्र भवतः प्रक्षीयते धन-उद्रेकः जनानाम् अविजानताम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मा | मा | pos=i |
मण्डूकाञ् | मण्डूक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
जिघांस | जिघांस् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
कोपम् | कोप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
संधारय | संधारय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
अच्युतैः | अच्युत | pos=a,g=m,c=8,n=s |
श्लोकौ | श्लोक | pos=n,g=m,c=1,n=d |
च | च | pos=i |
अत्र | अत्र | pos=i |
भवतः | भू | pos=v,p=3,n=d,l=lat |
प्रक्षीयते | प्रक्षि | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
धन | धन | pos=n,comp=y |
उद्रेकः | उद्रेक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
जनानाम् | जन | pos=n,g=m,c=6,n=p |
अविजानताम् | अविजानत् | pos=a,g=m,c=6,n=p |