Original

अजपा ब्राह्मणास्तात शूद्रा जपपरायणाः ।विपरीते तदा लोके पूर्वरूपं क्षयस्य तत् ॥ २८ ॥

Segmented

अजपा ब्राह्मणास् तात शूद्रा जप-परायणाः विपरीते तदा लोके पूर्वरूपम् क्षयस्य तत्

Analysis

Word Lemma Parse
अजपा अजप pos=n,g=m,c=1,n=p
ब्राह्मणास् ब्राह्मण pos=n,g=m,c=1,n=p
तात तात pos=n,g=m,c=8,n=s
शूद्रा शूद्र pos=n,g=m,c=1,n=p
जप जप pos=n,comp=y
परायणाः परायण pos=n,g=m,c=1,n=p
विपरीते विपरीत pos=a,g=m,c=7,n=s
तदा तदा pos=i
लोके लोक pos=n,g=m,c=7,n=s
पूर्वरूपम् पूर्वरूप pos=n,g=n,c=1,n=s
क्षयस्य क्षय pos=n,g=m,c=6,n=s
तत् तद् pos=n,g=n,c=1,n=s