महाभारतम् — 3.178.4
Original
Segmented
सर्प उवाच दाने रम्-त्वम् सत्यम् च अहिंसा प्रियम् एव च एषाम् कार्य-गरीयस्-त्वात् दृश्यते गुरुलाघवम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सर्प | सर्प | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
दाने | दान | pos=n,g=n,c=7,n=s |
रम् | रम् | pos=va,comp=y,f=part |
त्वम् | त्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
सत्यम् | सत्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
अहिंसा | अहिंसा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
प्रियम् | प्रिय | pos=n,g=n,c=1,n=s |
एव | एव | pos=i |
च | च | pos=i |
एषाम् | इदम् | pos=n,g=n,c=6,n=p |
कार्य | कार्य | pos=n,comp=y |
गरीयस् | गरीयस् | pos=a,comp=y |
त्वात् | त्व | pos=n,g=n,c=5,n=s |
दृश्यते | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
गुरुलाघवम् | गुरुलाघव | pos=n,g=n,c=1,n=s |