Original

ब्रह्मर्षीणां सहस्रं हि उवाह शिबिकां मम ।स मामपनयो राजन्भ्रंशयामास वै श्रियः ॥ ३६ ॥

Segmented

ब्रह्मर्षीणाम् सहस्रम् हि उवाह शिबिकाम् मम स माम् अपनयो राजन् भ्रंशयामास वै श्रियः

Analysis

Word Lemma Parse
ब्रह्मर्षीणाम् ब्रह्मर्षि pos=n,g=m,c=6,n=p
सहस्रम् सहस्र pos=n,g=n,c=1,n=s
हि हि pos=i
उवाह वह् pos=v,p=3,n=s,l=lit
शिबिकाम् शिबिका pos=n,g=f,c=2,n=s
मम मद् pos=n,g=,c=6,n=s
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
अपनयो अपनय pos=n,g=m,c=1,n=s
राजन् राजन् pos=n,g=m,c=8,n=s
भ्रंशयामास भ्रंशय् pos=v,p=3,n=s,l=lit
वै वै pos=i
श्रियः श्री pos=n,g=f,c=5,n=s