महाभारतम् — 3.177.15
Original
Segmented
सर्प उवाच ब्राह्मणः को भवेद् राजन् वेद्यम् किम् च युधिष्ठिर ब्रवीहि अतिमतिम् त्वाम् हि वाक्यैः अनुमिमीमहे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सर्प | सर्प | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
ब्राह्मणः | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
को | क | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भवेद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
राजन् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
वेद्यम् | विद् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=8,n=s |
ब्रवीहि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
अतिमतिम् | अतिमति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
हि | हि | pos=i |
वाक्यैः | वाक्य | pos=n,g=n,c=3,n=p |
अनुमिमीमहे | अनुमा | pos=v,p=1,n=p,l=lat |