महाभारतम् — 3.170.68
Original
Segmented
अविषह्यो रणे हि त्वम् देव-दानव-राक्षसैः स यक्ष-असुर-गन्धर्वैः स पक्षि-गण-पन्नगैः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अविषह्यो | अविषह्य | pos=a,g=m,c=1,n=s |
रणे | रण | pos=n,g=m,c=7,n=s |
हि | हि | pos=i |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
देव | देव | pos=n,comp=y |
दानव | दानव | pos=n,comp=y |
राक्षसैः | राक्षस | pos=n,g=m,c=3,n=p |
स | स | pos=i |
यक्ष | यक्ष | pos=n,comp=y |
असुर | असुर | pos=n,comp=y |
गन्धर्वैः | गन्धर्व | pos=n,g=m,c=3,n=p |
स | स | pos=i |
पक्षि | पक्षिन् | pos=n,comp=y |
गण | गण | pos=n,comp=y |
पन्नगैः | पन्नग | pos=n,g=m,c=3,n=p |