महाभारतम् — 3.170.1
Original
Segmented
अर्जुन उवाच निवर्तमानेन मया महद् दृष्टम् ततो ऽपरम् पुरम् काम-चरम् दिव्यम् पावक-अर्क-सम-प्रभम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अर्जुन | अर्जुन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
निवर्तमानेन | निवृत् | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
महद् | महत् | pos=a,g=n,c=1,n=s |
दृष्टम् | दृश् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
ततो | ततस् | pos=i |
ऽपरम् | अपर | pos=n,g=n,c=1,n=s |
पुरम् | पुर | pos=n,g=n,c=1,n=s |
काम | काम | pos=n,comp=y |
चरम् | चर | pos=a,g=n,c=1,n=s |
दिव्यम् | दिव्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
पावक | पावक | pos=n,comp=y |
अर्क | अर्क | pos=n,comp=y |
सम | सम | pos=n,comp=y |
प्रभम् | प्रभा | pos=n,g=n,c=1,n=s |