Original

तुष्टोऽस्मि तव कौन्तेय ब्रूहि किं करवाणि ते ।यत्ते मनोगतं वीर तद्ब्रूहि वितराम्यहम् ।अमरत्वमपाहाय ब्रूहि यत्ते मनोगतम् ॥ ४५ ॥

Segmented

तुष्टो ऽस्मि तव कौन्तेय ब्रूहि किम् करवाणि ते यत् ते मनोगतम् वीर तद् ब्रूहि वितरामि अहम् अमर-त्वम् अपाहाय ब्रूहि यत् ते मनोगतम्

Analysis

Word Lemma Parse
तुष्टो तुष् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
ऽस्मि अस् pos=v,p=1,n=s,l=lat
तव त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
कौन्तेय कौन्तेय pos=n,g=m,c=8,n=s
ब्रूहि ब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
किम् pos=n,g=n,c=2,n=s
करवाणि कृ pos=v,p=1,n=s,l=lot
ते त्वद् pos=n,g=,c=4,n=s
यत् यद् pos=n,g=n,c=1,n=s
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
मनोगतम् मनोगत pos=n,g=n,c=1,n=s
वीर वीर pos=n,g=m,c=8,n=s
तद् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
ब्रूहि ब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
वितरामि वितृ pos=v,p=1,n=s,l=lat
अहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
अमर अमर pos=n,comp=y
त्वम् त्व pos=n,g=n,c=2,n=s
अपाहाय अपाहा pos=vi
ब्रूहि ब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
यत् यद् pos=n,g=n,c=1,n=s
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
मनोगतम् मनोगत pos=n,g=n,c=1,n=s