महाभारतम् — 3.163.29
Original
Segmented
यदा अभिभवितुम् बाणैः न एव शक्नोमि तम् रणे ततो ऽहम् अस्त्रम् आतिष्ठम् वायव्यम् भरत-ऋषभ
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यदा | यदा | pos=i |
अभिभवितुम् | अभिभू | pos=vi |
बाणैः | बाण | pos=n,g=m,c=3,n=p |
न | न | pos=i |
एव | एव | pos=i |
शक्नोमि | शक् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
रणे | रण | pos=n,g=m,c=7,n=s |
ततो | ततस् | pos=i |
ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
अस्त्रम् | अस्त्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आतिष्ठम् | आस्था | pos=v,p=1,n=s,l=lan |
वायव्यम् | वायव्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
भरत | भरत | pos=n,comp=y |
ऋषभ | ऋषभ | pos=n,g=m,c=8,n=s |