Original

त्वमिमां पृथिवीं राजन्प्रशासिष्यसि पाण्डव ।स्वस्ति प्राप्नुहि कौन्तेय काम्यकं पुनराश्रमम् ॥ १२ ॥

Segmented

त्वम् इमाम् पृथिवीम् राजन् प्रशासिष्यसि पाण्डव स्वस्ति प्राप्नुहि कौन्तेय काम्यकम् पुनः आश्रमम्

Analysis

Word Lemma Parse
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
इमाम् इदम् pos=n,g=f,c=2,n=s
पृथिवीम् पृथिवी pos=n,g=f,c=2,n=s
राजन् राजन् pos=n,g=m,c=8,n=s
प्रशासिष्यसि प्रशास् pos=v,p=2,n=s,l=lrt
पाण्डव पाण्डव pos=n,g=m,c=8,n=s
स्वस्ति स्वस्ति pos=n,g=n,c=2,n=s
प्राप्नुहि प्राप् pos=v,p=2,n=s,l=lot
कौन्तेय कौन्तेय pos=n,g=m,c=8,n=s
काम्यकम् काम्यक pos=n,g=m,c=2,n=s
पुनः पुनर् pos=i
आश्रमम् आश्रम pos=n,g=m,c=2,n=s