महाभारतम् — 3.161.15
Original
Segmented
भ्रातुः नियोगात् तु युधिष्ठिरस्य वनाद् असौ वारण-मत्त-गामी यत् काम्यकात् प्रव्रजितः स जिष्णुस् तदा एव ते शोक-हताः बभूवुः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भ्रातुः | भ्रातृ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
नियोगात् | नियोग | pos=n,g=m,c=5,n=s |
तु | तु | pos=i |
युधिष्ठिरस्य | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
वनाद् | वन | pos=n,g=n,c=5,n=s |
असौ | अदस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वारण | वारण | pos=n,comp=y |
मत्त | मद् | pos=va,comp=y,f=part |
गामी | गामिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
यत् | यत् | pos=i |
काम्यकात् | काम्यक | pos=n,g=m,c=5,n=s |
प्रव्रजितः | प्रव्रज् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
जिष्णुस् | जिष्णु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तदा | तदा | pos=i |
एव | एव | pos=i |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
शोक | शोक | pos=n,comp=y |
हताः | हन् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
बभूवुः | भू | pos=v,p=3,n=p,l=lit |