महाभारतम् — 3.161.1
Original
Segmented
वैशम्पायन उवाच तस्मिन् नगेन्द्रे वसताम् तु तेषाम् महात्मनाम् सत्-व्रतम् आस्थितानाम् रतिः प्रमोदः च बभूव तेषाम् आकाङ्क्षताम् दर्शनम् अर्जुनस्य
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशम्पायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तस्मिन् | तद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
नगेन्द्रे | नगेन्द्र | pos=n,g=m,c=7,n=s |
वसताम् | वस् | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
तु | तु | pos=i |
तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
महात्मनाम् | महात्मन् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
सत् | अस् | pos=va,comp=y,f=part |
व्रतम् | व्रत | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आस्थितानाम् | आस्था | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
रतिः | रति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
प्रमोदः | प्रमोद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
बभूव | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
आकाङ्क्षताम् | आकाङ्क्ष् | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
दर्शनम् | दर्शन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अर्जुनस्य | अर्जुन | pos=n,g=m,c=6,n=s |