महाभारतम् — 3.160.2
Original
Segmented
ते अभिवाद्य आर्ष्टिषेणस्य पादौ धौम्यस्य च एव ह ततः प्राञ्जलयः सर्वे ब्राह्मणांस् तान् अपूजयन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
अभिवाद्य | अभिवादय् | pos=vi |
आर्ष्टिषेणस्य | आर्ष्टिषेण | pos=n,g=m,c=6,n=s |
पादौ | पाद | pos=n,g=m,c=2,n=d |
धौम्यस्य | धौम्य | pos=n,g=m,c=6,n=s |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
ह | ह | pos=i |
ततः | ततस् | pos=i |
प्राञ्जलयः | प्राञ्जलि | pos=a,g=m,c=1,n=p |
सर्वे | सर्व | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ब्राह्मणांस् | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
अपूजयन् | पूजय् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |