Original

रत्नजालपरिक्षिप्तं चित्रमाल्यधरं शिवम् ।राक्षसाधिपतेः स्थानं ददर्श भरतर्षभः ॥ ३८ ॥

Segmented

रत्न-जाल-परिक्षिप्तम् चित्र-माल्य-धरम् शिवम् राक्षस-अधिपतेः स्थानम् ददर्श भरत-ऋषभः

Analysis

Word Lemma Parse
रत्न रत्न pos=n,comp=y
जाल जाल pos=n,comp=y
परिक्षिप्तम् परिक्षिप् pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part
चित्र चित्र pos=a,comp=y
माल्य माल्य pos=n,comp=y
धरम् धर pos=a,g=n,c=2,n=s
शिवम् शिव pos=a,g=n,c=2,n=s
राक्षस राक्षस pos=n,comp=y
अधिपतेः अधिपति pos=n,g=m,c=6,n=s
स्थानम् स्थान pos=n,g=n,c=2,n=s
ददर्श दृश् pos=v,p=3,n=s,l=lit
भरत भरत pos=n,comp=y
ऋषभः ऋषभ pos=n,g=m,c=1,n=s