Original

मनःशिलागुहाश्चैव संध्याभ्रनिकरोपमाः ।शशलोहितवर्णाभाः क्वचिद्गैरिकधातवः ॥ ८१ ॥

Segmented

मनःशिला-गुहाः च एव संध्या-अभ्र-निकर-उपम शश-लोहित-वर्ण-आभाः क्वचिद् गैरिक-धातवः

Analysis

Word Lemma Parse
मनःशिला मनःशिला pos=n,comp=y
गुहाः गुहा pos=n,g=f,c=1,n=p
pos=i
एव एव pos=i
संध्या संध्या pos=n,comp=y
अभ्र अभ्र pos=n,comp=y
निकर निकर pos=n,comp=y
उपम उपम pos=a,g=f,c=1,n=p
शश शश pos=n,comp=y
लोहित लोहित pos=a,comp=y
वर्ण वर्ण pos=n,comp=y
आभाः आभ pos=a,g=m,c=1,n=p
क्वचिद् क्वचिद् pos=i
गैरिक गैरिक pos=n,comp=y
धातवः धातु pos=n,g=m,c=1,n=p