Original

अष्टमेऽहनि संप्राप्ते तमृषिं लोकविश्रुतम् ।आमन्त्र्य वृषपर्वाणं प्रस्थानं समरोचयन् ॥ २० ॥

Segmented

अष्टमे ऽहनि सम्प्राप्ते तम् ऋषिम् लोक-विश्रुतम् आमन्त्र्य वृषपर्वाणम् प्रस्थानम् समरोचयन्

Analysis

Word Lemma Parse
अष्टमे अष्टम pos=a,g=n,c=7,n=s
ऽहनि अहर् pos=n,g=n,c=7,n=s
सम्प्राप्ते सम्प्राप् pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part
तम् तद् pos=n,g=m,c=2,n=s
ऋषिम् ऋषि pos=n,g=m,c=2,n=s
लोक लोक pos=n,comp=y
विश्रुतम् विश्रु pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
आमन्त्र्य आमन्त्रय् pos=vi
वृषपर्वाणम् वृषपर्वन् pos=n,g=m,c=2,n=s
प्रस्थानम् प्रस्थान pos=n,g=n,c=2,n=s
समरोचयन् संरोचय् pos=v,p=3,n=p,l=lan