Original

संदष्टोष्ठं विवृत्ताक्षं फलं वृन्तादिव च्युतम् ।जटासुरस्य तु शिरो भीमसेनबलाद्धृतम् ।पपात रुधिरादिग्धं संदष्टदशनच्छदम् ॥ ६० ॥

Segmented

विवृत्त-अक्षम् फलम् वृन्ताद् इव च्युतम् जटासुरस्य तु शिरो भीमसेन-बलात् हृतम् पपात रुधिर-आदिग्धम् संदष्ट-दशनच्छदम्

Analysis

Word Lemma Parse
विवृत्त विवृत् pos=va,comp=y,f=part
अक्षम् अक्ष pos=n,g=n,c=1,n=s
फलम् फल pos=n,g=n,c=1,n=s
वृन्ताद् वृन्त pos=n,g=n,c=5,n=s
इव इव pos=i
च्युतम् च्यु pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
जटासुरस्य जटासुर pos=n,g=m,c=6,n=s
तु तु pos=i
शिरो शिरस् pos=n,g=n,c=1,n=s
भीमसेन भीमसेन pos=n,comp=y
बलात् बल pos=n,g=n,c=5,n=s
हृतम् हृ pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
पपात पत् pos=v,p=3,n=s,l=lit
रुधिर रुधिर pos=n,comp=y
आदिग्धम् आदिह् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
संदष्ट संदंश् pos=va,comp=y,f=part
दशनच्छदम् दशनच्छद pos=n,g=n,c=1,n=s