Original

स भीमसेने निष्क्रान्ते मृगयार्थमरिंदमे ।अन्यद्रूपं समास्थाय विकृतं भैरवं महत् ॥ ५ ॥

Segmented

स भीमसेने निष्क्रान्ते मृगया-अर्थम् अरिंदमे अन्यद् रूपम् समास्थाय विकृतम् भैरवम् महत्

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
भीमसेने भीमसेन pos=n,g=m,c=7,n=s
निष्क्रान्ते निष्क्रम् pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part
मृगया मृगया pos=n,comp=y
अर्थम् अर्थ pos=n,g=m,c=2,n=s
अरिंदमे अरिंदम pos=a,g=m,c=7,n=s
अन्यद् अन्य pos=n,g=n,c=2,n=s
रूपम् रूप pos=n,g=n,c=2,n=s
समास्थाय समास्था pos=vi
विकृतम् विकृ pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part
भैरवम् भैरव pos=a,g=n,c=2,n=s
महत् महत् pos=a,g=n,c=2,n=s