महाभारतम् — 3.154.33
Original
Segmented
प्रियेषु चरमाणम् त्वाम् न च एव अप्रिय-कारिणम् अतिथिम् ब्रह्म-रूपम् च कथम् हन्याम् अनागसम् राक्षसम् मन्यमानो ऽपि यो हन्यान् नरकम् व्रजेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रियेषु | प्रिय | pos=a,g=n,c=7,n=p |
चरमाणम् | चर् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
अप्रिय | अप्रिय | pos=a,comp=y |
कारिणम् | कारिन् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
अतिथिम् | अतिथि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,comp=y |
रूपम् | रूप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
कथम् | कथम् | pos=i |
हन्याम् | हन् | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
अनागसम् | अनागस् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
राक्षसम् | राक्षस | pos=n,g=m,c=2,n=s |
मन्यमानो | मन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽपि | अपि | pos=i |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हन्यान् | हन् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
नरकम् | नरक | pos=n,g=n,c=2,n=s |
व्रजेत् | व्रज् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |