महाभारतम् — 3.145.14
Original
Segmented
नदी-जाल-समाकीर्णान् नाना पक्षि-रुत-आकुलान् नानाविधैः मृगैः जुष्टान् वानरैः च उपशोभितान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
नदी | नदी | pos=n,comp=y |
जाल | जाल | pos=n,comp=y |
समाकीर्णान् | समाकृ | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
नाना | नाना | pos=i |
पक्षि | पक्षिन् | pos=n,comp=y |
रुत | रुत | pos=n,comp=y |
आकुलान् | आकुल | pos=a,g=m,c=2,n=p |
नानाविधैः | नानाविध | pos=a,g=m,c=3,n=p |
मृगैः | मृग | pos=n,g=m,c=3,n=p |
जुष्टान् | जुष् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
वानरैः | वानर | pos=n,g=m,c=3,n=p |
च | च | pos=i |
उपशोभितान् | उपशोभय् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |