Original

एष रैभ्याश्रमः श्रीमान्पाण्डवेय प्रकाशते ।भारद्वाजो यत्र कविर्यवक्रीतो व्यनश्यत ॥ ९ ॥

Segmented

एष रैभ्य-आश्रमः श्रीमान् पाण्डवेय प्रकाशते भारद्वाजो यत्र कविः यवक्रीतो व्यनश्यत

Analysis

Word Lemma Parse
एष एतद् pos=n,g=m,c=1,n=s
रैभ्य रैभ्य pos=n,comp=y
आश्रमः आश्रम pos=n,g=m,c=1,n=s
श्रीमान् श्रीमत् pos=a,g=m,c=1,n=s
पाण्डवेय पाण्डवेय pos=n,g=m,c=8,n=s
प्रकाशते प्रकाश् pos=v,p=3,n=s,l=lat
भारद्वाजो भारद्वाज pos=a,g=m,c=1,n=s
यत्र यत्र pos=i
कविः कवि pos=n,g=m,c=1,n=s
यवक्रीतो यवक्रीत pos=n,g=m,c=1,n=s
व्यनश्यत विनश् pos=v,p=3,n=s,l=lan