महाभारतम् — 3.133.17
Original
Segmented
विद्वान् बन्दी वेद-विदः निगृह्य वादे भग्नान् अ प्रतिशङ्कमानः त्वया निसृष्टैः पुरुषैः आप्त-कृद्भिः जले सर्वान् मज्जयति इति नः श्रुतम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
विद्वान् | विद् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
बन्दी | बन्दिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वेद | वेद | pos=n,comp=y |
विदः | विद् | pos=a,g=m,c=2,n=p |
निगृह्य | निग्रह् | pos=vi |
वादे | वाद | pos=n,g=m,c=7,n=s |
भग्नान् | भञ्ज् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
अ | अ | pos=i |
प्रतिशङ्कमानः | प्रतिशङ्क् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
निसृष्टैः | निसृज् | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
पुरुषैः | पुरुष | pos=n,g=m,c=3,n=p |
आप्त | आप्त | pos=a,comp=y |
कृद्भिः | कृत् | pos=a,g=m,c=3,n=p |
जले | जल | pos=n,g=n,c=7,n=s |
सर्वान् | सर्व | pos=n,g=m,c=2,n=p |
मज्जयति | मज्जय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
इति | इति | pos=i |
नः | मद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
श्रुतम् | श्रु | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |