महाभारतम् — 3.133.15
Original
Segmented
द्वारपाल उवाच कथम् यज्ञम् दश-वर्षः विशेस् त्वम् विनीतानाम् विदुषाम् सम्प्रवेश्यम् उपायतः प्रयतिष्ये ते अहम् प्रवेशने कुरु यत्नम् यथावत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
द्वारपाल | द्वारपाल | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
कथम् | कथम् | pos=i |
यज्ञम् | यज्ञ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
दश | दशन् | pos=n,comp=y |
वर्षः | वर्ष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
विशेस् | विश् | pos=v,p=2,n=s,l=vidhilin |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
विनीतानाम् | विनी | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
विदुषाम् | विद्वस् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
सम्प्रवेश्यम् | सम्प्रविश् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=krtya |
उपायतः | उपायतस् | pos=i |
प्रयतिष्ये | प्रयत् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
प्रवेशने | प्रवेशन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
कुरु | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
यत्नम् | यत्न | pos=n,g=m,c=2,n=s |
यथावत् | यथावत् | pos=i |