Original

द्वारं निषादराष्ट्रस्य येषां द्वेषात्सरस्वती ।प्रविष्टा पृथिवीं वीर मा निषादा हि मां विदुः ॥ ४ ॥

Segmented

द्वारम् निषाद-राष्ट्रस्य येषाम् द्वेषात् सरस्वती प्रविष्टा पृथिवीम् वीर मा निषादा हि माम् विदुः

Analysis

Word Lemma Parse
द्वारम् द्वार pos=n,g=n,c=1,n=s
निषाद निषाद pos=n,comp=y
राष्ट्रस्य राष्ट्र pos=n,g=m,c=6,n=s
येषाम् यद् pos=n,g=m,c=6,n=p
द्वेषात् द्वेष pos=n,g=m,c=5,n=s
सरस्वती सरस्वती pos=n,g=f,c=1,n=s
प्रविष्टा प्रविश् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
पृथिवीम् पृथिवी pos=n,g=f,c=2,n=s
वीर वीर pos=n,g=m,c=8,n=s
मा मा pos=i
निषादा निषाद pos=n,g=m,c=1,n=p
हि हि pos=i
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
विदुः विद् pos=v,p=3,n=p,l=lit