महाभारतम् — 3.120.7
Original
Segmented
भ्राता च मे यः च सखा गुरुः च जनार्दनस्य आत्म-समः च पार्थः यद्-अर्थम् अभ्युद्यतम् उत्तमम् तत् करोति कर्म अग्र्यम् अपारणीयम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भ्राता | भ्रातृ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
सखा | सखि | pos=n,g=,c=1,n=s |
गुरुः | गुरु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
जनार्दनस्य | जनार्दन | pos=n,g=m,c=6,n=s |
आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
समः | सम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
पार्थः | पार्थ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यद् | यद् | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अभ्युद्यतम् | अभ्युद्यम् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
उत्तमम् | उत्तम | pos=a,g=n,c=2,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
करोति | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
कर्म | कर्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अग्र्यम् | अग्र्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
अपारणीयम् | अपारणीय | pos=a,g=n,c=2,n=s |