महाभारतम् — 3.115.5
Original
Segmented
अकृतव्रण उवाच आयान् एव असि विदितो रामस्य विदित-आत्मनः प्रीतिस् त्वयि च रामस्य क्षिप्रम् त्वाम् दर्शयिष्यति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अकृतव्रण | अकृतव्रण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
आयान् | आय | pos=n,g=m,c=2,n=p |
एव | एव | pos=i |
असि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
विदितो | विद् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
रामस्य | राम | pos=n,g=m,c=6,n=s |
विदित | विद् | pos=va,comp=y,f=part |
आत्मनः | आत्मन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
प्रीतिस् | प्रीति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
त्वयि | त्वद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
च | च | pos=i |
रामस्य | राम | pos=n,g=m,c=6,n=s |
क्षिप्रम् | क्षिप्रम् | pos=i |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
दर्शयिष्यति | दर्शय् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |