महाभारतम् — 3.111.9
Original
Segmented
ऋश्यशृङ्ग उवाच ऋद्धो भवान् ज्योतिः इव प्रकाशते मन्ये च अहम् त्वाम् अभिवादनीयम् पाद्यम् वै ते सम्प्रदास्यामि कामाद् यथाधर्मम् फल-मूलानि च एव
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ऋश्यशृङ्ग | ऋश्यशृङ्ग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
ऋद्धो | ऋध् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
भवान् | भवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
ज्योतिः | ज्योतिस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
प्रकाशते | प्रकाश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
मन्ये | मन् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
च | च | pos=i |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
अभिवादनीयम् | अभिवद् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=krtya |
पाद्यम् | पाद्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
वै | वै | pos=i |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
सम्प्रदास्यामि | सम्प्रदा | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
कामाद् | काम | pos=n,g=m,c=5,n=s |
यथाधर्मम् | यथाधर्मम् | pos=i |
फल | फल | pos=n,comp=y |
मूलानि | मूल | pos=n,g=n,c=2,n=p |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |