महाभारतम् — 3.111.8
Original
Segmented
कच्चित् तपो वर्धते तापसानाम् पिता च ते कच्चिद् अहीन-तेजाः कच्चित् त्वया प्रीयते च एव विप्र कच्चित् स्वाध्यायः क्रियते ऋश्यशृङ्ग
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कच्चित् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तपो | तपस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
वर्धते | वृध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तापसानाम् | तापस | pos=n,g=m,c=6,n=p |
पिता | पितृ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
कच्चिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अहीन | अहीन | pos=a,comp=y |
तेजाः | तेजस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कच्चित् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
प्रीयते | प्री | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
विप्र | विप्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
कच्चित् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
स्वाध्यायः | स्वाध्याय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
क्रियते | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
ऋश्यशृङ्ग | ऋश्यशृङ्ग | pos=n,g=m,c=8,n=s |