महाभारतम् — 3.111.10
Original
Segmented
कौश्याम् बृस्याम् आस्स्व यथोपजोषम् कृष्णाजिनेन आवृतायाम् सुखायाम् क्व च आश्रमः तव किम् नाम च इदम् व्रतम् ब्रह्मन् चरसि हि देव-वत् त्वम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कौश्याम् | कौश्य | pos=a,g=f,c=2,n=s |
बृस्याम् | बृसी | pos=n,g=f,c=7,n=s |
आस्स्व | आस् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
यथोपजोषम् | यथोपजोषम् | pos=i |
कृष्णाजिनेन | कृष्णाजिन | pos=n,g=n,c=3,n=s |
आवृतायाम् | आवृ | pos=va,g=f,c=7,n=s,f=part |
सुखायाम् | सुख | pos=a,g=f,c=7,n=s |
क्व | क्व | pos=i |
च | च | pos=i |
आश्रमः | आश्रम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
नाम | नाम | pos=i |
च | च | pos=i |
इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
व्रतम् | व्रत | pos=n,g=n,c=1,n=s |
ब्रह्मन् | ब्रह्मन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
चरसि | चर् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
हि | हि | pos=i |
देव | देव | pos=n,comp=y |
वत् | वत् | pos=i |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |