महाभारतम् — 3.103.16
Original
Segmented
एवम् उक्तः प्रत्युवाच भगवान् मुनि-पुंगवः जीर्णम् तत् हि मया तोयम् उपायो ऽन्यः प्रचिन्त्यताम् पूरण-अर्थम् समुद्रस्य भवद्भिः यत्नम् आस्थितैः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
एवम् | एवम् | pos=i |
उक्तः | वच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
प्रत्युवाच | प्रतिवच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
भगवान् | भगवन्त् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मुनि | मुनि | pos=n,comp=y |
पुंगवः | पुंगव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
जीर्णम् | जृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
तोयम् | तोय | pos=n,g=n,c=1,n=s |
उपायो | उपाय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽन्यः | अन्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रचिन्त्यताम् | प्रचिन्तय् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
पूरण | पूरण | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
समुद्रस्य | समुद्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
भवद्भिः | भवत् | pos=a,g=m,c=3,n=p |
यत्नम् | यत्न | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आस्थितैः | आस्था | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |