महाभारतम् — 3.101.9
Original
Segmented
ते प्रविश्य उदधिम् घोरम् नक्र-ग्राह-समाकुलम् उत्सादन-अर्थम् लोकानाम् रात्रौ घ्नन्ति मुनीन् इह
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
प्रविश्य | प्रविश् | pos=vi |
उदधिम् | उदधि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
घोरम् | घोर | pos=a,g=m,c=2,n=s |
नक्र | नक्र | pos=n,comp=y |
ग्राह | ग्राह | pos=n,comp=y |
समाकुलम् | समाकुल | pos=a,g=m,c=2,n=s |
उत्सादन | उत्सादन | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
लोकानाम् | लोक | pos=n,g=m,c=6,n=p |
रात्रौ | रात्रि | pos=n,g=f,c=7,n=s |
घ्नन्ति | हन् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
मुनीन् | मुनि | pos=n,g=m,c=2,n=p |
इह | इह | pos=i |