महाभारतम् — 3.101.10
Original
Segmented
न तु शक्याः क्षयम् नेतुम् समुद्र-आश्रय-गा हि ते समुद्रस्य क्षये बुद्धिः भवद्भिः सम्प्रधार्यताम् अगस्त्येन विना को हि शक्तो ऽन्यो अर्णव-शोषणे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
तु | तु | pos=i |
शक्याः | शक्य | pos=a,g=m,c=1,n=p |
क्षयम् | क्षय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
नेतुम् | नी | pos=vi |
समुद्र | समुद्र | pos=n,comp=y |
आश्रय | आश्रय | pos=n,comp=y |
गा | ग | pos=a,g=f,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
समुद्रस्य | समुद्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
क्षये | क्षय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
बुद्धिः | बुद्धि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
भवद्भिः | भवत् | pos=a,g=m,c=3,n=p |
सम्प्रधार्यताम् | सम्प्रधारय् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
अगस्त्येन | अगस्त्य | pos=n,g=m,c=3,n=s |
विना | विना | pos=i |
को | क | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
शक्तो | शक् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽन्यो | अन्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अर्णव | अर्णव | pos=n,comp=y |
शोषणे | शोषण | pos=n,g=n,c=7,n=s |