महाभारतम् — 3.100.2
Original
Segmented
ते रात्रौ समभिक्रुद्धा भक्षयन्ति सदा मुनीन् आश्रमेषु च ये सन्ति पुण्येषु आयतनेषु च
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
रात्रौ | रात्रि | pos=n,g=f,c=7,n=s |
समभिक्रुद्धा | समभिक्रुध् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
भक्षयन्ति | भक्षय् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
सदा | सदा | pos=i |
मुनीन् | मुनि | pos=n,g=m,c=2,n=p |
आश्रमेषु | आश्रम | pos=n,g=m,c=7,n=p |
च | च | pos=i |
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
सन्ति | अस् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
पुण्येषु | पुण्य | pos=a,g=n,c=7,n=p |
आयतनेषु | आयतन | pos=n,g=n,c=7,n=p |
च | च | pos=i |