महाभारतम् — 3.1.37
Original
Segmented
वैशम्पायन उवाच तथा अनुमन्त्रय् तेन धर्म-राजेन ताः प्रजाः चक्रुः आर्त-स्वरम् घोरम् हा राजन्न् इति दुःखिताः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशम्पायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तथा | तथा | pos=i |
अनुमन्त्रय् | अनुमन्त्रय् | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |
तेन | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
राजेन | राज | pos=n,g=m,c=3,n=s |
ताः | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=p |
प्रजाः | प्रजा | pos=n,g=f,c=1,n=p |
चक्रुः | कृ | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
आर्त | आर्त | pos=a,comp=y |
स्वरम् | स्वर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
घोरम् | घोर | pos=a,g=m,c=2,n=s |
हा | हा | pos=i |
राजन्न् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
इति | इति | pos=i |
दुःखिताः | दुःखित | pos=a,g=f,c=1,n=p |