महाभारतम् — 2.71.20
Original
Segmented
बन्धु-शोणित-दिग्ध-अङ्ग मुक्तकेश्यो रजस्वलाः एवम् कृत-उदकाः नार्यः प्रवेक्ष्यन्ति गजाह्वयम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
बन्धु | बन्धु | pos=n,comp=y |
शोणित | शोणित | pos=n,comp=y |
दिग्ध | दिह् | pos=va,comp=y,f=part |
अङ्ग | अङ्ग | pos=a,g=f,c=1,n=p |
मुक्तकेश्यो | मुक्तकेश | pos=a,g=f,c=1,n=p |
रजस्वलाः | रजस्वला | pos=n,g=f,c=1,n=p |
एवम् | एवम् | pos=i |
कृत | कृ | pos=va,comp=y,f=part |
उदकाः | उदक | pos=n,g=f,c=1,n=p |
नार्यः | नारी | pos=n,g=f,c=1,n=p |
प्रवेक्ष्यन्ति | प्रविश् | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
गजाह्वयम् | गजाह्वय | pos=n,g=n,c=2,n=s |