महाभारतम् — 2.68.15
Original
Segmented
तद् वै श्रुत्वा भीमसेनो अति अमर्षी निर्भर्त्स्य उच्चैस् तम् निगृह्य एव रोषात् उवाच इदम् सहसा एव उपगम्य सिंहो यथा हैमवतः शृगालम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
वै | वै | pos=i |
श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
भीमसेनो | भीमसेन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अति | अति | pos=i |
अमर्षी | अमर्षिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
निर्भर्त्स्य | निर्भर्त्सय् | pos=vi |
उच्चैस् | उच्चैस् | pos=i |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
निगृह्य | निग्रह् | pos=vi |
एव | एव | pos=i |
रोषात् | रोष | pos=n,g=m,c=5,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
सहसा | सहस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
एव | एव | pos=i |
उपगम्य | उपगम् | pos=vi |
सिंहो | सिंह | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यथा | यथा | pos=i |
हैमवतः | हैमवत | pos=a,g=m,c=1,n=s |
शृगालम् | शृगाल | pos=n,g=m,c=2,n=s |