Original

पुनर्दीव्याम भद्रं ते वनवासाय पाण्डवैः ।एवमेतान्वशे कर्तुं शक्ष्यामो भरतर्षभ ॥ १७ ॥

Segmented

पुनः दीव्याम भद्रम् ते वन-वासाय पाण्डवैः एवम् एतान् वशे कर्तुम् शक्ष्यामो भरत-ऋषभ

Analysis

Word Lemma Parse
पुनः पुनर् pos=i
दीव्याम दीव् pos=v,p=1,n=p,l=lot
भद्रम् भद्र pos=n,g=n,c=1,n=s
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
वन वन pos=n,comp=y
वासाय वास pos=n,g=m,c=4,n=s
पाण्डवैः पाण्डव pos=n,g=m,c=3,n=p
एवम् एवम् pos=i
एतान् एतद् pos=n,g=m,c=2,n=p
वशे वश pos=n,g=m,c=7,n=s
कर्तुम् कृ pos=vi
शक्ष्यामो शक् pos=v,p=1,n=p,l=lrt
भरत भरत pos=n,comp=y
ऋषभ ऋषभ pos=n,g=m,c=8,n=s