महाभारतम् — 2.60.2
Original
Segmented
त्वम् प्रातिकामिन् द्रौपदीम् आनयस्व न ते भयम् विद्यते पाण्डवेभ्यः क्षत्ता हि अयम् विवदति एव भीरुः न च नः वृद्धि-कामः सदा एव
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
प्रातिकामिन् | प्रातिकामिन् | pos=a,g=m,c=8,n=s |
द्रौपदीम् | द्रौपदी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
आनयस्व | आनी | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
न | न | pos=i |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
भयम् | भय | pos=n,g=n,c=1,n=s |
विद्यते | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
पाण्डवेभ्यः | पाण्डव | pos=n,g=m,c=5,n=p |
क्षत्ता | क्षत्तृ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
अयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
विवदति | विवद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
एव | एव | pos=i |
भीरुः | भीरु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
नः | मद् | pos=n,g=,c=6,n=p |
वृद्धि | वृद्धि | pos=n,comp=y |
कामः | काम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सदा | सदा | pos=i |
एव | एव | pos=i |