महाभारतम् — 2.60.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच धिग् अस्तु क्षत्तारम् इति ब्रुवाणो दर्पेण मत्तो धृतराष्ट्रस्य पुत्रः अवैक्षत प्रातिकामीम् सभायाम् च एनम् परम-आर्य-मध्ये
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
धिग् | धिक् | pos=i |
अस्तु | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
क्षत्तारम् | क्षत्तृ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
इति | इति | pos=i |
ब्रुवाणो | ब्रू | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
दर्पेण | दर्प | pos=n,g=m,c=3,n=s |
मत्तो | मद् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
धृतराष्ट्रस्य | धृतराष्ट्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
पुत्रः | पुत्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अवैक्षत | अवेक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
प्रातिकामीम् | सभा | pos=n,g=f,c=7,n=s |
सभायाम् | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
च | च | pos=i |
एनम् | एनद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
परम | परम | pos=a,comp=y |
आर्य | आर्य | pos=a,comp=y |
मध्ये | मध्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |