महाभारतम् — 2.59.2
Original
Segmented
विदुर उवाच दुर्विभाव्यम् भवति त्वादृशेन न मन्द संबुध्यसि पाश-बद्धः प्रपाते त्वम् लम्बमानो न वेत्सि व्याघ्रान् मृगः कोपयसे अति बाल्यात्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
विदुर | विदुर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
दुर्विभाव्यम् | दुर्विभाव्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
त्वादृशेन | त्वादृश | pos=a,g=m,c=3,n=s |
न | न | pos=i |
मन्द | मन्द | pos=a,g=m,c=8,n=s |
संबुध्यसि | सम्बुध् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
पाश | पाश | pos=n,comp=y |
बद्धः | बन्ध् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
प्रपाते | प्रपात | pos=n,g=m,c=7,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
लम्बमानो | लम्ब् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
न | न | pos=i |
वेत्सि | विद् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
व्याघ्रान् | व्याघ्र | pos=n,g=m,c=2,n=p |
मृगः | मृग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कोपयसे | कोपय् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
अति | अति | pos=i |
बाल्यात् | बाल्य | pos=n,g=n,c=5,n=s |