Original

दुर्योधन उवाच ।एहि क्षत्तर्द्रौपदीमानयस्व प्रियां भार्यां संमतां पाण्डवानाम् ।संमार्जतां वेश्म परैतु शीघ्रमानन्दो नः सह दासीभिरस्तु ॥ १ ॥

Segmented

दुर्योधन उवाच एहि क्षत्तः द्रौपदीम् आनयस्व प्रियाम् भार्याम् संमताम् पाण्डवानाम् संमार्जताम् वेश्म परैतु शीघ्रम् आनन्दो नः सह दासीभिः अस्तु

Analysis

Word Lemma Parse
दुर्योधन दुर्योधन pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
एहि pos=v,p=2,n=s,l=lot
क्षत्तः क्षत्तृ pos=n,g=,c=8,n=s
द्रौपदीम् द्रौपदी pos=n,g=f,c=2,n=s
आनयस्व आनी pos=v,p=2,n=s,l=lot
प्रियाम् प्रिय pos=a,g=f,c=2,n=s
भार्याम् भार्या pos=n,g=f,c=2,n=s
संमताम् सम्मन् pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part
पाण्डवानाम् पाण्डव pos=n,g=m,c=6,n=p
संमार्जताम् सम्मृज् pos=v,p=3,n=s,l=lot
वेश्म वेश्मन् pos=n,g=n,c=2,n=s
परैतु परे pos=v,p=3,n=s,l=lot
शीघ्रम् शीघ्रम् pos=i
आनन्दो आनन्द pos=n,g=m,c=1,n=s
नः मद् pos=n,g=,c=6,n=p
सह सह pos=i
दासीभिः दासी pos=n,g=f,c=3,n=p
अस्तु अस् pos=v,p=3,n=s,l=lot