Original

अहं कर्तेति विदुर मावमंस्था मा नो नित्यं परुषाणीह वोचः ।न त्वां पृच्छामि विदुर यद्धितं मे स्वस्ति क्षत्तर्मा तितिक्षून्क्षिणु त्वम् ॥ ७ ॥

Segmented

अहम् कर्ता इति विदुर मा अवमंस्थाः मा नो नित्यम् परुषानि इह वोचः न त्वाम् पृच्छामि विदुर यत् हितम् मे स्वस्ति क्षत्तः मा तितिक्षून् क्षिणु त्वम्

Analysis

Word Lemma Parse
अहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
कर्ता कृ pos=v,p=3,n=s,l=lrt
इति इति pos=i
विदुर विदुर pos=n,g=m,c=8,n=s
मा मा pos=i
अवमंस्थाः अवमन् pos=v,p=2,n=s,l=lun_unaug
मा मा pos=i
नो मद् pos=n,g=,c=2,n=p
नित्यम् नित्यम् pos=i
परुषानि परुष pos=a,g=n,c=2,n=p
इह इह pos=i
वोचः वच् pos=v,p=2,n=s,l=lun_unaug
pos=i
त्वाम् त्वद् pos=n,g=,c=2,n=s
पृच्छामि प्रच्छ् pos=v,p=1,n=s,l=lat
विदुर विदुर pos=n,g=m,c=8,n=s
यत् यद् pos=n,g=n,c=1,n=s
हितम् हित pos=a,g=n,c=1,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
स्वस्ति स्वस्ति pos=n,g=n,c=1,n=s
क्षत्तः क्षत्तृ pos=n,g=,c=8,n=s
मा मा pos=i
तितिक्षून् तितिक्षु pos=a,g=m,c=2,n=p
क्षिणु क्षि pos=v,p=2,n=s,l=lot
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s